स्वास्थ्य सेवा



चिकित्सा सेवा 

प्रकृति हमारी माँ है जो हमें जीवन प्रदान करती है . वर्तमान में निज स्वार्थ के वशीभूत हो ज्यों-ज्यों प्रकृति का दोहन हो रहा है , समस्याएं बढ़ रही हैं रोग बढ़ रहे हैं
 . आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में शोध हो रहे हैं, तथाकथित उच्च गुणवत्ता युक्त औषधियों का निर्माण हो रहा है, उच्च चिकित्सा शिक्षा प्राप्त चिकित्सकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है, परन्तु इतना सब होने के बाबजूद भी भयानक रोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है - क्यों ? क्योकि हम प्रकृति से निरंतर दूर होते जा रहे हैं, हमने अपनी जीवन शैली ही बदल ली है . यही रोगों का मुख्य कारण है . प्राकृतिक चिकित्सा में पञ्च-तत्वों -- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश के माध्यम से विकसित उपचारों को रोग निवारण हेतु शरीर पर उपयोग किया जाता है . मानव शरीर भी पञ्च तत्वों से बना है, अप्राकृतिक जीवन शैली  से शरीर में विष की मात्रा बढ़ने से पञ्च तत्वों का असंतुलन होता है और शरीर रोग से ग्रस्त हो जाता है . इस स्थिति में प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से पञ्च तत्वों को संतुलित करना ही रोग मुक्ति का सर्वोत्तम साधन है .

  प्राकृतिक चिकित्सा एक सरल पद्धति है, इसके प्रयोग में भी अन्य चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में में बहुत कम खर्च आता है . परन्तु व्यावसायिकता की अंधी दौड़ में प्राकृतिक चिकित्सा को जनसामान्य से दूर कर दिया गया .   आज योग, प्राकृतिक चिकित्सा जैसी सर्व सुलभ पद्धतियों को इतना जटिल बना दिया गया है कि यह आम आदमी की पहुँच से बाहर होकर पञ्च सितारा होटलों या रिजार्ट्स में कैद होकर रह गयी है . इस आरोग्य केंद्र के माध्यम से आश्रम का यह प्रयास है कि प्राकृतिक चिकित्सा को इतना सरल व सुलभ बना दिया जाये कि प्रत्येक व्यक्ति स्वयं अपना चिकित्सक बन सके एवं जीर्ण-जटिलतम रोगों से मुक्ति पा सके .
   जैसा कि पहले भी कहा गया है कि - प्राकृतिक चिकित्सा एक चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि जीवन पद्धति भी है , जिसे रोगी ही नहीं स्वस्थ्य व्यक्ति भी अपनाकर अपने शरीर को निरोग रख सकता है, तो आइये  ...........प्रकृति की ओर चलें ! प्रकृति के साथ जुड़ें .
वात्सल्य आश्रम  एक आरोग्य केंद्र की स्थापना हेतु प्रयासरत है  आरोग्य केंद्र में प्राकृतिक चिकित्सा एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी वात्सल्य आश्रम आरोग्य केंद्र हेतु भवन निर्माण के लिए सहयोग की अपील करता है आरोग्य केंद्र के संस्थापक सदस्य एवं स्वस्थ्यार्थी सदस्यों को दी जाने वाली सुविधाएँ इस प्रकार होंगी –

आरोग्य केंद्र के संस्थापक सदस्य
आरोग्य केंद्र की स्थापना हेतु जो व्यक्ति 31000/ रु. या अधिक की धनराशि प्रदान करेंगे, वे आरोग्य केंद्र के संस्थापक सदस्य होंगे .
  • आरोग्य केंद्र के संस्थापक सदस्यों का नाम भवन के शिलापट पर अंकित किया जायेगा.
  • संस्थापक सदस्यों को आरोग्य केंद्र में आजीवन प्रतिवर्ष 10 दिन की आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जायेगा.
  • 51000/ रु. की धनराशि प्रदान करने वाले पति-पत्नी दोनों को आजीवन प्रतिवर्ष10 दिन की  आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जायेगा .

स्वास्थ्यार्थी सदस्य
1- द्विवर्षीय आवासीय सदस्य
आरोग्य केंद्र को 11000/-रु. प्रदान करने वाले व्यक्ति को दो वर्ष तक प्रतिवर्ष 07 दिन का आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जायेगा .

2- वार्षिक अनावासीय सदस्य
आरोग्य केंद्र को 5100/-रु. प्रदान करने वाले व्यक्ति को 30 दिन की अनावासीय (बाहय चिकित्सा सुविधा ) प्राकृतिक चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी, जिसे व्यक्ति एक वर्ष के अन्दर एक साथ अथवा अपनी सुविधानुसार कई भागों में स्वयं या अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ उपभोग कर सकेंगे .

सहयोग राशि कृपया "स्व.गंगाधर राय शिक्षा एवं समाजोत्थान समिति"  के नाम चेक या ड्राफ्ट से भेजें .​अथवा नीचे दिए गए खाता नं. में जमा कराएँ -

स्व.गंगाधर राय शिक्षा एवं समाजोत्थान समिति 
बैंक -यूको बैंक 
शाखा- सुजातगंज कानपूर
खाता संख्या - 17450200005051

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